मुज़रिम है यहाँ कौन सभी को ये ख़बर है

मुज़रिम है यहाँ कौन सभी को ये ख़बर है ख़ामोश हैं सब जैसे ये गूंगों का नगर है   इन बुझते चिराग़ों का धुआँ देख रहा हूँ महसूस ये होता है कि नज़दीक शहर है   हम दूब सही पाँव की, वृक्षों से हैं बेहतर आँधी की हमें फ़िक़्र न तूफ़ानों का डर है   … Continue reading मुज़रिम है यहाँ कौन सभी को ये ख़बर है